कर्म क्या हैं
November 04, 2018
कर्म क्या हैं - भगवान श्री कृष्णा )
कर्म क्या हैं
हमारे हिन्दू ग्रंथो मे हमें कर्मो के बारे मे बचपन से ही पढ़ने को बहोत कुछ मिलता हैं खाश कर के हमारे हिन्दू धर्म मे कर्म का महत्व बहोत हैं हमारे श्री मध् भागवत गीता मे श्री कृष्णा भगवान ने कहा हैं
कर्मण्येवाधिकारस्ते फलषु कदाचन।
मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकमज़्णि ll
मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकमज़्णि ll
कर्म तेरे अधिकार मे केवल कर्म किए जा तू कर्म किए जा, फल की इक्छा त्याग के अर्जुन पालन अपना धर्म किए जा, किस इस्थिति मे क्या धर्म हैं तेरा ज्ञात तू इसका मर्म किए जा, तेरे लिए जो धर्म हैं निश्चित निष्ठा से ओ कर्म किए जा, अपने अपने कर्म का सब के लिए विधान जग मे कर्म प्रधान हैं, जग हैं कर्म प्रधान, अ कर्मडयता श्राप हैं कर्म योग वरदान कर्म किए बिन प्रणाी मृतक सामान, प्रणाी मृतक सामान,, तो अर्जुन कहते हैं यदि प्रारब्ध, द ही सबकुछ हैं तो कर्म की अवसक्ता क्या, हैं कर्म बिना प्रारब्ध ना बनता इस लिए कर्म विधान बना हैं,, अर्जुन फल पर यदि अधिकार नहीं तो कर्म का पौधा क्यो बोना हैं, कृष्ण,, कर्मों की प्राप्ति हे अर्जुन जन्मो का लेखा झोखा हैं,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
श्री कृष्णा भगवान कहते हैं यदि तुम कार्य ही ना करो और होनी के बारे मे सोचते रहो,,
जैसा मान लेते हैं आप किसी कार्य को करें बिना ही हार हार मान लो और कहो की ए तो बहोत मुश्किल हैं मेरे लिए मैं कहाँ कर पाऊँगा बड़ा काम और मरते दम तक कोशिश ही ना करो करने की और प्रारब्ध यानि भाग्य को दोष दो होनी को दोष दो,
कृष्णा भगवान यदि तुम कार्य ही ना करो और होनी की बारे मे सोचते रहो सारा दिन तो क्या तुम्हारी इक्छा सोचने से पूरी होजाएगी फल के बारे मे जो तुम्हारे हाथ मे नहीं मतलब जो भाग्य हैं होनी हैं मतलब की क्या आपका जीत=हार पर क्या कोई कंट्रोल हैं तो जिस पर आपका आपका कोई वश कंट्रोल नहीं तो उसके बारे मे क्या सोचना हैं आपका कंट्रोल तो बस कर्मों पर हैं आपका वश तो बस कर्मों पर हैं,
क्या मुझे मिलने वाला हैं उस पर मेरा अधिकार क्या कोई कंट्रोल हैं
तो जिस पर आपका कोई कंट्रोल वश नहीं उसके बारे मे क्या सोचना हैं हमारा वश तो काम पर हैं कर्म करो सफलता आपके चरणों मे होगाी
हमारा अधिकार तो सिर्फ क्या होने वाला हैं उस पर नहीं हमारा अधिकार को कर्म पर हैं
इसका मतलब ए हैं की आप काम मतलब कर्म किए बिना क्या क्या सोचने से सफलता मिलती हैं य काम करने से ओ भी सही काम करने से
हमारा अधिकार तो सिर्फ क्या होने वाला हैं उस पर नहीं हमारा अधिकार को कर्म पर हैं
इसका मतलब ए हैं की आप काम मतलब कर्म किए बिना क्या क्या सोचने से सफलता मिलती हैं य काम करने से ओ भी सही काम करने से
आपको क्या सोचने से सफलता मिलती हैं य कुछ करने से कर्म करने से जो भी आप पाना चाहो ज्यादा सोचो मत दिल से लग जाओ उसे पाने के लिए लिए उस दिशा मे कर्म करो ज्यादा सोचो मत कर्म करो उठो चलो कार्य करो यही था जीवन मे कर्म का महत्व
जय श्री कृष्णा भगवान आपके जीवन को खुशी ओ से भर दे ए शब्द आपके दिल मे लग जाये और आप जो भी जीवन मे करना चाहते हो सफल हो जय श्री कृष्णा